Friday, December 25, 2009

अखिल भारतीय धर्म एवं पर्यावरण चेतना यात्रा शुरु

नागौर। निकटवर्ती ग्राम श्रीबालाजी स्थित बिश्नोई सेवक संस्थान द्वारा आयोजित अखिल भारतीय धर्म एवं पर्यावरण चेतना यात्रा का शुभारम्भ आज सुबह हुआ। यात्रा के संयोजक महावीर बिश्नोई ने बताया कि सुबह 10ः15 बजे शिव वैली होली होम्स के निदेशक श्री जितेन्द्र मोर, एवं मरूस्थल वनारोपण एवं चारागाह विकास विभाग नागौर के उप वन संरक्षक के. आर. काला ने दीप प्रज्जवलित कर जम्भेश्वर भगवान की विधिवत पूजा अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की। बिश्नोई सेवक संगीत प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षणार्थियों ने भजन प्रस्तुत किए। सभी यात्रियों को कुंकुम एवं चावल का तिलक लगाकर गाड़ियों में बिठाया गया। उसके बाद शिव वैली होली होम्स के निदेशक श्री जितेन्द्र मोर, एवं मरूस्थल वनारोपण एवं चारागाह विकास विभाग नागौर के उप वन संरक्षक के. आर. काला ने हरी झण्डी दिखाकर यात्रा की रवानगी की।
स्थानीय बीकानेर रोड़ सिथत न्यू रीको इण्डस्ट्रीयल एरिया में मनोज कांकरिया, भोजराज सारस्वत, अश्विनी गहलोत, महेन्द्रकुमार रांकावत, शंकरलाल कच्छावा, बजरंगलाल (भाणु), धीरज सारस्वत, सुरेश देवड़ा, सुनिल सारस्वत सहित अनेकों उद्यमियों ने यात्रियों का (बच्चों सहित) माल्यार्पण कर स्वागत किया तथा लड्डू खिलाकर शुभकामनाएं दी।
उसके बाद यात्रा का स्थानीय जोधपुर रोड़ भैरूनाडा स्थित श्रीकृष्ण गोपाल गौशाला में गौशाला के अध्यक्ष कुशालसिंह सांखला सहित गौशाला के कार्यकत्र्ताओं ने स्वागत किया। यात्रियों ने गौशाला का भ्रमण किया। यात्रियों को अल्पाहार कराया गया।
उक्त यात्रा 15 दिन तक देश के विभिन्न प्रांत, राजस्थान, गुजरात, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, गोवा में धर्म तथा पर्यावरण चेतना पर भजन संध्या, हवन, गोष्ठी एवं सम्मेलनों का आयोजन करेगी। यात्रा का नेतृत्व हरचंदराम बिश्नोई कर रहे हैं।
यात्रा में अखिल भारतीय बिश्नोई पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामरतन बिश्नोई साहित्यकार, शिव वैली होली होम्स मुकाम की प्रतिनिधि श्रीमती सीमा जैन, चाणक्य काॅलेज गुड़गांव हरियाणा के प्रोफेसर डाॅ। तेजाराम बिश्नोई, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के प्रोफेसर श्याम जाणी, बिश्नोई साधु स्वामी भानुप्रकाश, धर्म एवं पर्यावरण चेतना पर वक्ता के रूप में कार्यक्रमों में साथ हैं।

Thursday, December 24, 2009

धर्म एवं पर्यावरण चेतना यात्रा की रवानगी कल

नागौर। निकटवर्ती ग्राम श्रीबालाजी स्थित बिश्नोई सेवक संस्थान द्वारा अखिल भारतीय धर्म एवं पर्यावरण चेतना यात्रा का कल शुभारम्भ किया जाएगा। मरूस्थल वनारोपण एवं चारागाह विकास विभाग नागौर के उप वन संरक्षक के.आर. काला, शिव वैली होली होम्स मुकाम के निदेशक जितेन्द्र मोर हरी झण्डी दिखाकर दिनांक 25 दिसम्बर 2008 को सुबह 10ः15 बजे इस यात्रा को श्रीबालाजी से रवाना करेंगे। न्यू रीको इण्डस्ट्रीयल एरिया नागौर में सुबह 11 बजे यात्रा का स्वागत किया जाएगा। उसके बाद जोधपुर रोड़ स्थित श्रीकृष्ण गोपाल गौशाला में यात्रा में शामिल सभी सदस्यों द्वारा गौशाला का भ्रमण किया जाएगा। यात्रियों का स्वागत एवं अल्पाहार का कार्यक्रम गौशाला प्रांगण में होगा। यात्रा के संयोजक महावीर बिश्नोई ने बताया कि पर्यावरण एवं धर्म के प्रति चेतना जागृत करने के उद्देश्य से 15 दिन का कार्यक्रम तय कर अखिल भारतीय धर्म एवं पर्यावरण चेतना यात्रा निकाली जा रही है। यात्रा यहां से जोधपुर होते हुए पाली पंहुचेगी। शाम को कार्यक्रम होगा। उसके बाद गुजरात के अहमदाबाद, सूरत सहित विभिन्न स्थानों पर पर्यावरण चेतना कार्यक्रम एवं भजन संध्या के आयोजन होंगे। महाराष्ट्र के मुम्बई (भयंदर), मुम्बई (कुम्हारवाड़ा), पुणे, नासिक आदि स्थानों पर आयोजन होगे। उसके बाद आंधप्रदेश के हैदराबाद, कर्नाटक, तमिलनाडू एवं गोवा में आयोजन होंगे। इस यात्रा में बिश्नोई सेवक संगीत प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षणार्थी बच्चों के साथ ही अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर के पदाधिकारी भाग ले रहे हैं। विभिन्न राज्यांे में आयोजित कार्यक्रमों में वहां के स्थानीय वन विभाग के अधिकारी, वन्यजीव प्रेमी एवं पर्यावरण प्रेमी बड़ी संख्या में भाग लेंगे। संयोजक ने बताया कि इस यात्रा की तैयारी गत एक माह से की जा रही है। संस्थान का एक दल यात्रा के दौरान आयोजित कार्यक्रमों की तैयारी में 15 दिन पहले गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक व गोवा पंहुच गया था। यात्रा के दौरान धर्म प्रचार के लिए शाम के समय भजन संध्या, सुबह के समय पर्यावरण शुद्धि के लिए हवन एवं दिन में पर्यावरण सम्मेलन एवं गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। यात्रा का नेतृत्व हरचंदराम बिश्नोई कर रहे हैं। यात्रा में चाणक्य काॅलेज गुड़गांव हरियाणा के प्रोफेसर डाॅ. तेजाराम बिश्नोई, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के प्रोफेसर श्याम जाणी, जैसलमेर के व्याख्याता मांगीलाल बिश्नोई ‘अज्ञात’, बिश्नोई साधु स्वामी भानुप्रकाश, अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष ‘वृक्ष मित्र’ साहबराम बिश्नोई, राजस्थान के प्रदेश संगठन मंत्री शिवराज जाखड़, नागौर के जिलाध्यक्ष रामरतन बिश्नोई धर्म एवं पर्यावरण चेतना पर वक्ता के रूप में कार्यक्रमों में साथ रहेंगे।

Thursday, September 17, 2009

जाम्भोजी का आसोजी मेला शुरु, श्रद्धालुओं की भीड़

नागौर 17 सितम्बर। जिले के ग्राम पीपासर, उसके आगे बीकानेर जिले के ग्राम मुक्तिधाम मुकाम, समराथ्ल धोरा पर आसोज बदी अमावस्या को लगाने वाला मेला आज शुरु हो गया। पूरे भातरवर्ष से अने वाले बिश्नोई श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है। भगवान जमभेश्वर की जन्मस्थली पीपासर पर बने मंदिर तथा साथरी के मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है। अखिल भारतीय श्री गुरु जम्भेश्वर सेवक दल के स्वयंसेवक मेले की व्यवस्थाओं में तैनात है। पक्षियों के लिए चुग्गा डालने, हवन करने, धोक लगाने की अलग अलग तरीके से व्यवस्थाएं की गई है। मंदिर के सामने प्रसाद, घी, तथा चुग्गों के लिए अनाज की दुकानें सज गई है। तपस्या स्थली समराथल धोरे पर सन्तों की व्यवस्था से मेले में चार चांद लग गए है। मंदिर के पास विशाल यज्ञ होता है उसके बड़े बड़े कुण्ड तैयार है। रात्रि जागरण पाहल आदि की व्यवस्था की तैयारी कर ली गई है। समराथल के महन्त रामकिशनजी महाराज, चंद्रप्रकाश आश्रम के महन्त स्वामी छगनप्रकाश आदि संत मेले की व्यवस्थाओं को अतिसुंदर बनाने में मार्गदर्शन कर रहे हैं। मुक्तिधाम मुकाम में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के महामंत्री रामसिंह पंवार सहित पूरी टीम मेले की व्यवस्थाओं में जुटी हुई है। श्रद्धालुओं के लिए 25 लाख लीटर पानी का भण्डारण किया गया है। बीकानेर उरमूल डेयरी की तरफ से हरवक्त 30 हजार लीटर दूध के टेंकर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। भोजन के लिए सेवकदल का निःशुल्क भाूजनालय चालू कर दिया गया है जिसमें एक लाख लोग एक साथ भोजन कर सकते हैं। सेवकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजलाल खीचड़ के अनुसार यह भोजनालय तीन दिन चलेगा, इसके साथ ही बारह माह चलने वाला भोजनालय भी बराबर चालू है। मेले में आवश्यक समान के अलग अलग मार्केट लगाये गये हैं। कृषि यंत्र, घरेलू सामान, कपड़ेे, जूते, फल, मनीहारी, साहित्य, संगीत सामग्री, घी, खोपरा, चूण आदि के अलग अलग दुकानें मेला कमेटी द्वारा आवंटित की गई है। सुंदर सजे हुए सामान को देखकर मेले की रौनक मनोहारी लग रही है। शांति व्यवस्था के लिए उपखण्ड मजिस्ट्रेट नोखा तथा पुलिस वृत नोखा व बीकानेर की टुकड़ियां तैनात की गई है। मेले की आमसभा 18 सितम्बर को होगी जिसमें समाज के बड़े बड़े धर्मनेता, राजनेता, विद्वान, पत्रकार, साहत्यिकार और जनप्रतिनिधि भाग लेंगे। सुबह 120 सब्दों का सामूहिक पाठ होने के साथ ही पाहल वितरण होगा।

Wednesday, September 16, 2009

भगवान से भी बड़े हैं पेड़ -डाॅ. समित शर्मा

विश्व ओजोन परत संरक्ष्ण दिवस पर बोले जिला कलक्टर
नागौर। स्थानीय जिला परिषद सभागार में वन मण्डल नागौर द्वारा विश्व ओजोन परत संरक्षण सप्ताह का समापन समारोह आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि जिला पुलिस अधीक्षक बाल मुकुन्द वर्मा ने ओजोन परत के संरक्षण पर जोर दिया। उन्होनें कहा कि मानव निर्मित कृत्रिम यौगिकों से निकलने वाली क्लोरीन व ब्रोमीन गैंस उपरी समतापमण्डल में पंहुच कर ओजोन परत को स्थाई रूप से हानि पंहुचाती है। मानव जीवन को सुरिक्षत रखने के लिए हानिकारक गैसों का उपयोग कम करना होगा। प्राणी मात्र का जीवन सुरक्षित हो,इसके लिए वन मण्डल नागौर द्वारा विश्व ओजोन परत संरक्षण सप्ताह मनाकर जो जागृति पैदा की है। इसका फायदा आम जन को मिलेगा। विशेषकर बच्चों में जो प्रतियोगिताओं के माध्यम से जागृति लाई गई है। यह सराहनीय कदम है। उन्होनें उपस्थित जनसमूह से आग्रह किया कि वे आज के आयोजन से मिले संदेश को जन जन तक पंहुचाए और हरसम्भव सहयोग देकर ओजोन परत का संरक्षण करें। उन्होनें प्रतियोगिता मंे भाग लेने वाले छात्र छात्राओं को धन्यवाद दिया।
समारोह के अध्यक्ष जिले के नए कलक्टर डाॅ. समित शर्मा ने ओजोन परत के संरक्षण, पर्यावरण के संरक्षण व संतुलन तथा खेजड़ी पेड़ की रक्षा करने वाले 363 वीर बिश्नोई स्त्री पुरूष व बच्चों को श्रद्धासुमन अर्पित किए और 279 वर्ष पहले हुई खेजड़ली बलिदान की घटना का स्थान, दिनांक व समय बताकर विस्तार से वर्णन प्रस्तुत किया। जिला कलक्टर ने भगवान महावीर और पेड़ की कहानी सुनाकर उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। उन्होनें भारतीय संस्कृति में पेड़ की पूजा का महत्व उजागर किया और कहा कि पीपल की, बड़ की, तुलसी की पूजा करने वाले भारतीय पाश्चात्य संस्कृति में कहां चले गए? इस पर चिंतन करना आवश्यक हो गया है। उन्होनें जिले की सबसे बड़ी समस्या पेयजल की समस्या को बताया। जिसके समाधान के लिए वृक्षारोपण को आवश्यक बताया। जिला कलक्टर ने खनि अभियंता को निर्देश दिए कि वे उन उद्यमियों से बड़ी संख्या में वृक्षारोपण करवाएं जो अपना उद्योग चलाकर पर्यावरण को नुकसान पंहुचाते हैं। वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगले 15 दिनों में जिले में कम से कम एक लाख पौधे लगाए जावें। उपस्थित जनसमूह से आग्रह किया कि वे एक एक पौधा जरूर लगाए। जिला कलक्टर ने वृक्षों की कटाई पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और आरामशीनों के लाईसेंसों की जांच करने और उन पर निगरानी रखने के निर्देश दिए।
वन विभाग के उप वन संरक्षक के. आर. काला ने विश्व ओजोन परत संरक्षण दिवस के आयोजन पर प्रकाश डाला। उन्होनें कहा कि 09 सितम्बर से शुरु किए गए ओजोन परत संरक्षण सप्ताह के दौरान जिले में वन विभाग के सात रेंज मुख्यालयों पर निम्बध लेखन, नारा लेखन, यथास्थान रंगीन चित्रकारी, नुक्कड़नाटक (ड्रामा), प्रश्नोतरी, आशुभाषण, माॅडल प्रर्दशनी, वाद विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। प्रतियोगिताआंे के माध्यम से छात्र, छात्राओं में ओजोन परत संरक्षण के प्रति जागृति पैदा करने के प्रयास किए गए।उन्होनें विश्व स्तर पर ओजोेन परत संरक्षण दिवस घोषित करने की जानकारी दी। ओजोन परत में छेद होने से पृथ्वी पर होने वाले नुकसान की ओर इंगित किया। श्री काला ने सप्ताह समापन समारोह में भाग लेने वाले सभी अतिथिगण, श्रोतागण, स्कूली विद्यार्थीगण और वन विभाग के स्टाफ, मीडियाकर्मियों का स्वागत किया।
बलदेव राम मिर्धा राजकीय महाविद्यालय के प्रोफेसर डाॅ. शंकरलाल जाखड़ ने ‘‘ ओजोन परत संरक्षण की आवश्यकता’’ पर प्रकाश डाला। उन्होनें ऐशो आराम की वस्तुओं का उपयोग कम करने की अपील की।
पर्यावरणविद् एवं अखिल भारतीय जीवरक्षा बिश्नोई सभा के जिलाध्यक्ष रामरतन बिश्नोई ने ‘‘ओजोन परंत संरक्षण के लिए पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में वनों व वन्यजीवों की महत्वपूर्ण भूमिका एवं उनकी सुरक्षा तथा पर्यावरण संरक्षण में जनभागीदारी की आवश्यकता’’ पर विस्तार से बताया। उन्होनें कहा कि आज से 523 वर्ष, ग्यारह माह और पांच दिन पहले पर्यावरण के महानवेता ‘‘श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान’’ ने अपनी वाणी में ओजोन परत का वर्णन करते हुए वन्यजीवोें की सुरक्षा, वृक्षों की सुरक्षा पर जोर दिया था। उनके महान विचारों पर चलकर उनके अनुयायी आज भी पर्यावरण संरक्षण में समर्पित रहते हैं। यह जनभागीदारी का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होेनें उपस्थित जनसमूह से आग्रह किया कि यथाशक्ति योगदान देकर पर्यावरण का संतुलन बनाए रखे। जिससे ओजोन परत का छेद पुनः बंद हो सकता है और मानव जीवन सुरक्षित हो सकता है।
डाॅ. सहदेव रिणवा ने ‘‘पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए ओजोन परत की महता व इस के संरक्षण मंे जनभागीदारी’’ विषय पर विचार प्रस्तुत किए।
प्रोफेसर पे्रमसिंह बुगासरा ने विश्व स्तर पर ओजोन परत के संरक्षण से सम्बन्धी बनाए गए नियमों पर प्रकाश डाला। उन्होनें बताया कि सन् 1987 में जो प्रयास किए गए। उसके बाद 5 बार संशोधन भी किया गया। आज विश्वस्तर पर ओजोन परत संरक्षण दिवस मनाकर जागृति पैदा की जा रही है। वह प्राणीमात्र के लिए आवश्यक है।
नागौर जिले के खनि अभियंता जेपी जाखड़ ने कहा कि सूरज की घातक किरणों को रोकने के लिए वायुमण्डल में पृथ्वी से धरातल से ऊपर 10 से 40 किलोमीटर तक समतापमण्डल में ओजोन के अणु पाए जाते हैं। उनको सुरिक्षत रखना जरूरी है। वे सूर्य व पृथ्वी के बीच एक अदृश्य पर्दे के समान विद्यमान है। जो हानिकारक किरणों को रोककर जीवन को सुरक्षा प्रदान करती है। आज पृथ्वी पर जो जीवन दिखाई देता है। वह ओजोन परत के बिना रहना सम्भव नहीं है। प्राणीमात्र के खतरे को रोकने के लिए ओजोन परत का संरक्षित होना जरूरी है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि बालमुकुंद वर्मा एवं समारोह के अध्यक्ष डाॅ. समित शर्मा ने वन विभाग द्वारा जारी ओजोन परत संरक्षण से सम्बन्धित ग्लोब एवं छतरीके चित्र से ओजोन परत को सुरक्षित रखने का संदेश देने वाले आकर्षक पोस्टर एवं स्टीकर्स का विमोचन किया।
समारोह के अंत में नागौर क्षेत्रीय वन अधिकारी महेन्द्रसिंह चैधरी ने सम्भागियों एवं अतिथिगण का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन मोहम्मद शरीफ छींपा ने शेरों शायरी के साथ आकर्षक ढ़ंग से किया।
जिले भर से आए विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता छात्र छात्राओं को जिला कलक्टर डाॅ. समित शर्मा एवं जिला पुलिस अधीक्षक बालमुकुंद वर्मा ने स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। जिले भर से आए वन विभाग के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ ही विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों, शिक्षक शिक्षिकाओं, जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों तथा ग्रामीणो ने बड़ी संख्या में भाग लिया। अल्पाहार के बाद समारोह का विसर्जन किया गया।
जिला परिषद सभागार में ही समारोह के बाद उपवन संरक्षक के आर काला ने वन विभाग के स्टाफ की बैठक ली। उन्होनें वृक्षारोपण, नरेगा कार्य, वन्यजीवों की सुरक्षा, वनों की सुरक्षा सम्बन्धी बिन्दुओं पर समीक्षा कर आवश्यक निर्देश जारी किए।

Monday, September 14, 2009

कुलदीप बिश्नोई को स्वाइन फ्लू

हजकां सुप्रीमो और पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई भी स्वाइन फ्लू का शिकार हो गए हैं। कुलदीप के चचेरे भाई देवीलाल बिश्नोई के मुताबिक पिछले कुछ समय से लगातार विधानसभा चुनाव में टिकट लेने के इच्छुक नेता कुलदीप से मिल रहे थे, इसी दौरान वे बीमार हो गए।
उन्होंने कहा कि डॉक्टरी जांच में कुलदीप को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि हो गई है। फिलहाल कुलदीप गुड़गांव—दिल्ली बॉर्डर पर स्थित अपने फार्म हाउस में स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। बीमारी के चलते कुलदीप बिश्नोई के राजनीतिक दौरे रद्द कर दिए गए हैं।

लक्ष्मण बिश्नोई का सम्मान 16 को

नागौर। स्थानीय वन मण्डल द्वारा विश्व ओजोन परत संरक्षण सप्ताह के तहत आयोजित जिला स्तरीय प्रश्नोतरी प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान पर रहने पर अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के जिलाध्यक्ष एवं पर्यावरणविद् श्री रामरतन बिश्नोई साहित्यकार के सुपुत्र लक्ष्मण बिश्नोई को जिला स्तरीय समारोह मंे सम्मानित किया जाएगा।

लक्ष्मण बिश्नोई का सम्मान 16 को

नागौर। स्थानीय वन मण्डल द्वारा विश्व ओजोन परत संरक्षण सप्ताह के तहत आयोजित जिला स्तरीय प्रश्नोतरी प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान पर रहने पर अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के जिलाध्यक्ष एवं पर्यावरणविद् श्री रामरतन बिश्नोई साहित्यकार के सुपुत्र लक्ष्मण बिश्नोई को जिला स्तरीय समारोह मंे सम्मानित किया जाएगा।